आज संसद में 18 वी लोकसभा स्पीकर का चुनाव हुआ उसमे NDA का उम्मीदवार ओम बिरला(Om Birla) तथा इंडिया अलाइंस की और से के. सुरेश बनाये गए थे ।
उसके बाद ओम बिरला को लोक सभा का स्पीकर चुन लिया गया है ।
ओम बिरला इससे पहले भी 17 वी लोकसभा के भी स्पीकर रह चुके है । ओम बिरला राजस्थान के मूल निवासी है जो कोटा के लोक सभा से निर्वाचित हुए है । इसके पहले भी यही से निर्वाचित थे ।
सविंधान का अनुच्छेद 93 यह व्यवस्था करता है की लोक सभा अपने अधयक्ष और उपाधयक्ष के रूप में दो सदस्यों का चयन करेगी ।
अधयक्ष सदन का सवैंधानिक और औपचारिक प्रमुख होता है ।
लोक सभा अधयक्ष का निर्वाचन :-
- भारतीय सविंधान के अनुसार अधयक्ष को सदन का सदस्य होना चाहिए ।
- इस पद के लिए चुने गए सदस्य को सविंधान और देश के कानून की समझ होनी चाहिए ।
- सामानयतः परम्परा है की सत्ताधारी दल के सदस्य से लोक सभा के अधयक्ष को चुन लिया जाता है ।
- लेकिन इस बार पहली बार लोक सभा के अधयक्ष के लिए चुनाव किया गया है ।
मतदान :-
अधयक्ष का चुनाव लोक सभा सदस्यों में से ही उपस्थित और मतदान करने वाले सदस्यों के साधारण बहुमत से होता है ।
कार्यकाल :-
अधयक्ष अपने चुनाव की पहली तारीख से अगली लोकसभा की पहली बैठक के ठीक पहले तक
अधयक्ष (Om Birla) की भूमिका और शक्तियां:-
- वह सदन के दोनो सदनों की सयुंक्त बैठक की अधयक्षता करता है ।
- वह सदन के अंदर भारत के सविंधान की प्रावधानों , लोकसभा की प्रिक्रिया और कार्य संचालन के नियमो तथा संसदीय मामलो का अंतिम व्याख्या करता है ।
- वह सदन को स्थिगित कर सकता है ।
- सदन की कुल संख्या का दसवा हिस्सा की अनुपस्थि में बैठक को स्थिगित कर सकता है ।
- अधयक्ष सामान्यत मत नहीं देता है लेकिन बराबरी होने पर अपना मत करने का अधिकार है ।
- वह किसी विधेयक के धन विधेयक होने या नहीं होने का फैसला करता है और इस प्रश्न पर उसका निर्णय अंतिम होता है ।
- अधयक्ष सदन की सिमितियो और सदस्यों के अधिकारों था विशेषाधिकारो का रक्षक होता है ।